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Showing posts from May, 2023

पिता

जिम्मेदारी आती है तो, राते भारी होती है समझौतों में फसकर लड़ने की तैयारी होती है सब उम्मीदे दफ़न हुई जो जान तुम्हारी होती है उनको खुद से ज्यादा सबकी खुशियाँ प्यारी होती है एक तुम्हारे न होने से दुनिया जान चुका हूँ मैं दर्द पिता का क्या होता है सब कुछ जान चुका हूँ मैं तुमने थाली लाकर दी हम पानी तक न ला पाए जिसमे सुखद अंत होता वो कहानी तक न ला पाए ऐसी भी क्या कसम जुबा पर वाणी तक न ला पाए तुम भी ऐसे छोड़ गए हम आँसू तक न ला पाए तुम्हे नही जाने देंगे अब मन में ठान चुका हूँ मैं दर्द पिता का क्या होता है सब कुछ जान चुका हूँ मैं वे घर की बुनियाद चरण में स्वर्ग ठिकाना होता है पथ से न भटके हम सब यह डर बैठाना होता है सब कहते है जुबा पे उनकी न ही बहाना होता है सच तो ये है उनको को घर का खर्च चलाना होता है चिंता व्यथा दुआ पीडाएं जीवन मान चुका हूँ मैं दर्द पिता का क्या होता है सब कुछ जान चुका हूँ मैं भाई के राजा बहनों का ताज रहे है पापा जी कम वेतन में उपहारों का राज रहे है पापा जी भुला के गलती कल की जीते आज रहे है पापा जी हम जिसकी दम पर बजते वो साज रहे है पापा जी खुदा फरिश्ता भगवन तुमको ईश्वर मान चुक...