अरे लेखकों मुझको लेखन का विस्तार दिखा मत देना
वरना सबको पता चलेगा अंदर कितने मयखाने है।
मोहित होकर मन में कोई अपने प्रेम सँजोया होगा
कोई आँसू लेकर छत पर छुप छुप रातो रोया होगा
कोई चंद्रमुखी युवती जब सोच सोच इतराती होगी
कोई कन्या राज महल की देख देख शर्माती होगी
अतः कवियों मुझे कविता का एक शब्द लिखा मत देना
वरना उसके मन भीतर से भाव चुरा कर ले आने है।
अरे लेखकों मुझको लेखन का विस्तार दिखा मत देना
वरना सबको मालुम होगा अन्दर कितने मयखाने है।
स्वप्न परी का आलिंगन पारस स्पर्शन कह दूँगा
दो प्राणो का मिल जाना ही परिणित जीवन कह दूँगा
मै भी दिल की राजकुमारी का श्रृंगार बता दूंगा
मै भी शब्द पिरोकर लय मे अपना प्रेम जता दूँगा
अतः रचेता गीत ग़ज़ल के मुझको गीत सिखा मत देना
वरना दुनिया समझेगी हम पागल प्रेमी दीवाने है
अरे लेखकों मुझको लेखन का विस्तार दिखा मत देना
वरना सबको मालुम होगा अन्दर कितने मयखाने है।
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